27 अक्टूबर :- रूस से एस-400 मिसाइलें सिस्टम खरीदने पर अमेरिका द्वारा भारत पर प्रतिबंध लगाए जाने के की चेतावनी के बीच राष्ट्रपति जो बाइडेन से दो सांसदों ने यह आग्रह किया है कि भारत को प्रतिबंधों से बाहर रखें। दोनों सांसदों ने चिट्ठी लिखकर बाइडेन से कहा है कि भारत के खिलाफ ”काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट” (सीएएटीएसए) के दंडात्मक प्रावधानों को लागू न किया जाए। बाइडेन को लिखी चिट्ठी में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडेन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है। चिट्ठी में सांसदों ने लिखा, ”हम रूसी उपकरण खरीद के संबंध में आपकी चिंता को समझते हैं। हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के समक्ष इस चिंता को मजबूती से उठाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भारत के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन करना भी जारी रखेंगे।” साल 2018 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान कर दिया था कि रक्षा क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग जारी रहेगा। रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत वायुसेना के लिये एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल खरीदेगा। बता दें कि भारत ने भारत ने साल 2018 में ही एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों की पांच यूनिट खरीदने के लिए रूस के साथ 5 अरब डॉलर का समझौता किया था। हालांकि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत, रूस के साथ किए गए व्यापार समझौते पर आगे बढ़ता है तो उस पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
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