Wednesday, June 7, 2023

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कल से 3 दिनों तक मंथन करेगा RSS, जेपी नड्डा भी हो सकते हैं शामिल

27 अक्टूबर :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ के कामकाज की समीक्षा और भावी कार्य विस्तार के साथ राजनीतिक हालातों पर भी मंथन होगा। कर्नाटक के धारवाड़ में 28 से 30 अक्तूबर तक होने वाली इस बैठक में संघ के सभी आनुषंगिक संगठन हिस्सा लेंगे। बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी और अमृत महोत्सव साल के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी।कोरोना काल के चलते पिछले वर्ष से लेकर इस साल जुलाई तक संघ कि सारी बैठकें ऑनलाइन माध्यम से कम संख्या में प्रत्यक्ष उपस्थिति के साथ संपन्न हुईं थीं। अब पहली बार पूर्ण उपस्थिति में कार्यकारी मंडल की बैठक हो रही है। आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में कार्य विस्तार की दृष्टि से योजना बनाता है तथा अक्तूबर में होने वाली बैठक में कार्य की समीक्षा करता है। इस बार कार्यकर्ताओं के विकास को लेकर भी चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, तीन दिन के मंथन में राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा होगी। बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष हिस्सा लेंगे। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के भी भाग लेने की संभावना है। इसमें भाजपा और संघ के बीच समन्वय के साथ पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव के राजनीतिक हालातों की समीक्षा और तैयारी को लेकर भी चर्चा होगी। हाल में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर भी चर्चा की जाएगी और इस बारे में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था। तीसरी लहर से निपटने के लिए जुलाई माह की बैठक (प्रांत प्रचारक बैठक) में कार्यकर्ताओं के विशेष प्रशिक्षण पर विचार हुआ था। उसके बाद देशभर में डेढ़ लाख से अधिक स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हो चुका है तथा 10 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। आशा है कि तीसरी लहर न आए, लेकिन फिर भी परिस्थिति की समीक्षा के साथ तैयारी को लेकर चर्चा होगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष में दो बार इस प्रकार की बैठकों का आयोजन करता है। मार्च में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होती हैं, जबकि दशहरे व दीपावली के बीच कार्यकारी मंडल की बैठक होती है। बैठक में करीब 350 सदस्य अपेक्षित हैं। इसमें सभी प्रांतों व क्षेत्रों के संघचालक, कार्यवाह एवं प्रचारक तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सहित कुछ संगठनों के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हिस्सा लेते हैं।

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