26 अक्टूबर – फरीदाबाद : फरीदाबाद के चर्चित निकिता तोमर हत्याकांड को सोमवार को एक साल पूरा हो गया है। 26 अक्तूबर साल 2020 में बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा की उसके कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साल भर बीत जाने के बाद केस सेशन कोर्ट से अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। सेशन कोर्ट ने सोहना निवासी रेहान और तौसीफ को हत्या का दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है।
भाई की पढ़ाई और मकान की किस्त दांव पर लगी पिता मूलचंद तोमर का कहना है कि इस घटना ने उनके परिवार की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। घटना के समय निकिता का भाई नवीन तोमर दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पिता नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करते थे। घटना के बाद पिता की नौकरी छूट गई और भाई नवीन भी केस लड़ने के लिए अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना मकान किस्तों पर लिया था। घटना के बाद से केस में इतना खर्च हो गया कि किस्त भरने के लिए भी रिश्तेदारों से उधार लेना पड़ा। उनका कहना है कि वे अपने रिश्तेदारों और भाई बंधुओं से उधार आदि लेकर केस लड़ रहे हैं। सुरक्षा का दावा, लेकिन आज तक नहीं मिला लाइसेंस हत्या के तुरंत बाद उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे। उस समय तत्कालीन पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने बड़े जोर शोर से पीड़ित परिवार की सुरक्षा का दावा किया और पिता मूलचंद, भाई नवीन और मामा हाकिम सिंह को हथियार का लाइसेंस देने की बात कही थी। मूलचंद तोमर का कहना है कि आज तक उन्हें और हाकिम सिंह को हथियार का लाइसेंस नहीं दिया गया है। इसके लिए उन्होंने एक महीने की ट्रेनिंग में पैसा भी खर्च किया। कई महीनों तक थाने और पुलिस आयुक्त कार्यालय के चक्कर काटे, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सेशन कोर्ट का फैसला आने के 10 दिन बाद उनकी सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मी भी हटा लिए गए। वादे करने सभी आए, मदद के लिए कोई नहीं हत्याकांड के एक साल बाद भी निकिता का परिवार सरकार के वादों के पूरा होने की बाट जोह रहा है। निकिता के पिता के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने वादा किया था कि निकिता के नाम पर ऊंचा गांव चुंगी पर एक द्वार बनाया जाएगा। एक कॉलेज नामकरण भी उसके नाम पर होगा। इसके साथ ही भाई नवीन तोमर को सरकारी नौकरी का वादा किया गया था। अभी तक कोई भी बात पूरी नहीं हुई है। मूलचंद का कहना है कि घटना के समय कई स्थानीय नेताओं ने अलग-अलग वादे किए थे, लेकिन आज तक कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। केवल कुछ संस्थाओं और सामाजिक लोगों ने उनके साथ मिलकर केस लड़ा है। निकिता की याद में परिवार ने मंगलवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। श्रद्धांजलि सभा में परिवार और उसके स्कूल के दोस्तों ने निकिता को पुष्पांजलि दी। इस दौरान माहौल गमगीन रहा। सभी लोगों ने निकिता की तस्वीर के आगे पुष्प अर्पित कर उसे श्रद्धांजलि दी।