Wednesday, June 7, 2023

Latest Posts

NIA ने आतंकवाद पर शुरू किया प्रहार,कश्मीर से होगा आतंक का अंत 11 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

20 अक्टूबर :- जम्मू और कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या से जुड़े मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी अपने हाथ में ले सकती है। हालांकि, इसे लकेकर अब तक आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, मगर अभी से ही कश्मीर में आतंकी साजिश केस में एनआईए का एक्शन दिखने लगा है। घाटी में आतंकवाद की साजिश रचने के मामले में और गैर-मुस्लिमों के टारगेट किलिंग के मद्देनजर आतंकवाद पर प्रहार करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में 11 जगहों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि श्रीनगर, बारामूला, पुलवामा, अवंतीपोरा, सोपोर और कुलगाम में एनआईए की छापेमाारी जारी है।दरअसल, यह मामला जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन, अल बद्र और उनसे जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट, पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के सदस्यों द्वारा हिंसक आतंकवादी हमले करने की साजिश रचने से संबंधित है। बता दें कि ऐसी खबर है कि जम्मू-कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी करेगी और सरकार की ओर से जल्दी ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है। फार्मेसी चलाने वाले माखनलाल बिंदरू, गैर-कश्मीरी वीरेंद्र पासवान, स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और टीचर दीपक चंद समेत कई लोगों की हत्याओं के मामलों में दर्ज एफआईआर पर आगे की कार्रवाई केंद्रीय एजेंसी संभाल सकती है। घाटी के विभिन्न हिस्सों में इस महीने आतंकवादियों ने दो शिक्षकों और एक दवा विक्रेता समेत कुल 11 लोगों की हत्या कर दी है। आतंकवादियों के हमलों में मारे गए लोगों में से पांच प्रवासी मजदूर थे, जिनमें से चार लोग बिहार के थे। जम्मू-कश्मीर और केंद्र की सरकार का मानना है कि हाल के दिनों में नागरिकों पर बढ़े हमले किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। इन घटनाओं में पाक समर्थित द रेजिस्टेंस फोर्स और अन्य आतंकी संगठनों का हाथ सामने आया है।इन हत्याओं के कारण जीविका कमाने के लिए कश्मीर जाने वाले प्रवासी मजदूरों में भय व्याप्त हो गया है और बड़ी संख्या में वे पलायन कर रहे हैं। बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों मजदूर हर साल मार्च की शुरुआत में चिनाई, बढ़ईगीरी, वेल्डिंग और खेती जैसे कुशल और अकुशल नौकरियों के लिए घाटी में आते हैं और दिसंबर में सर्दियों की शुरुआत से पहले घर वापस चले जाते हैं। एक प्रमुख कश्मीरी पंडित और श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखन लाल बिंद्रु की पांच अक्टूबर को उनकी दुकान पर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके दो दिन बाद सुपिंदर कौर और दीपक चंद की यहां एक सरकारी स्कूल में हत्या कर दी गई। दोनों ही शिक्षक थे।अधिकारियों के मुताबिक इन तीन हत्याओं की जांच एनआईए द्वारा किए जाने की संभावना है। इस बारे में हालांकि अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गयी है। एनआईए प्रवासी मजदूरों की हत्याओं की जांच भी अपने हाथ में ले सकती है। जिस दिन बिंद्रु की हत्या हुई थी, उसी दिन बिहार के चाट विक्रेता वीरेंद्र पासवान और टैक्सी चालक मोहम्मद शफी लोन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पांच हत्याओं के अलावा, आतंकवादियों ने दो अक्टूबर को श्रीनगर के करण नगर इलाके में माजिद अहमद गोजरी और शहर के बटमालू इलाके में मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी। श्रीनगर और पुलवामा जिलों में 16 अक्टूबर को बिहार के अरविंद कुमार साह और उत्तर प्रदेश के सगीर अहमद की हत्या कर दी गयी थी।

Latest Posts

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.