16 जुलाई- हरियाणा। कोरोना महामारी के कारण हरियाणा में लंबे समय से बंद स्कूल शुक्रवार से खुल गए। 3 महीने के बाद शुक्रवार की सुबह बच्चे पहले की तरह दोस्तों और सहपाठियों के साथ स्कूल आते नजर आए। वहीं स्कूल में एंट्री से पहले बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। स्कूल आने के लिए अभिभावकों का सहमति पत्र जरूरी किया गया है।
बता दें कि लॉकडाउन की अवधि में 16 जुलाई से तीसरी बार स्कूलों को खोला गया है। इससे पहले फरवरी और दिसंबर 2020 में स्कूल खोले गए, लेकिन स्टूडेंट्स के कोरोना की चपेट में आने के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया। अब सरकार ने ऑड-इवन फॉर्मूले के तहत 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी माननी होगी
9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलने से पहले ही शिक्षा विभाग ने कोरोना से बचाव को लेकर बड़ी तैयारी की है। सभी स्कूलों को एसओपी जारी की गई है। जिसके तहत एक गेट से एंट्री होगी और दूसरे गेट से बाहर निकल सकेंगे। एक बैंच पर दो ही बच्चे बैठ सकेंगे। बैंच पर बैठने वाले बच्चे का नाम लिखा जाएगा। बच्चों को अभिभावक से परमिशन लेना जरूरी है।
अगर कोई बच्चा ऑनलाइन क्लास लेना चाहे तो यह ऑप्शन भी उसके के लिए खुला है। पीने के पानी की टंकी पर बच्चों के लिए संदेश लिखे गए हैं। बच्चों को समय-समय पर 20 सेकेंड तक हाथ धोने, दो गज की दूरी की पालना करने और मास्क पहनने को कहा गया है। बगैर मास्क के स्कूल में एंट्री नहीं होगी। गेट पर ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोल घेरे बनाए गए हैं, जिन पर खड़े होकर बच्चे थर्मल स्क्रीनिंग कराएंगे।
हिसार में गर्ल्स-ब्वॉयज के अनुसार चलेगा रोस्टर
हिसार जिले में भी तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुल गए हैं। लंबी छुट्टी के बाद बच्चों में पहले दिन स्कूल जाने के लिए खास उत्साह नजर नहीं आया। संक्रमण न फैले इसको देखते हुए एक दिन में सिर्फ 50 फीसदी बच्चों को बुलाया गया है। लेकिन ज्यादातर स्कूलों में पहले दिन सिर्फ 20 फीसदी बच्चे पहुँचे। जिले के ज्यादातर स्कूलों में एक दिन लड़कियों को तथा दूसरे दिन लड़कों के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। एक दिन में आने वाले बच्चों को 4 ग्रुप में बांटा गया है। अगर ग्रुप में से किसी एक बच्चे को भी बुखार या खांसी होती है तो पूरे ग्रुप को ही स्कूल से छुट्टी दे दी जाएगी।