9 जुलाई-दिल्ली(अपेक्षा माथुर)। केंद्र सरकार दूसरी स्वदेशी वैक्सीन डीएनए को अब तक मंजरू नहीं दे पाई है। करीब सप्ताह भर पहले फॉर्मा कंपनी जाइडस कैडिला ने डीएनए वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन दिया था जिस पर दो बार बहस और चर्चा होने के बाद भी विशेषज्ञ कार्यकारी समिति (एसईसी) फैसला नहीं ले पाई है।
परंतु सूत्रों का यह कहना है कि अगले सप्ताह की शुरुआत में ही समिति अपना फैसला सुना सकती है। समिति की सिफारिशों के आधार पर औषधि महानिदेशक वैक्सीन को अनुमति देने का फैसला ले सकते हैं। यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जिसकी तीन खुराक लेने के बाद कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसीत हो सकती है। हालांकि कंपनी ने इस वैक्सीन की दो खुराक लाने का वादा किया है, लेकिन फिलहाल मंजूरी मिलने के बाद तीन खुराक ही लेना होगा।
जल्द ही नाक से दी जाने वाली दवा के तीसरे दौर का परीक्षण
वायरस को मात देने के लिए ग्लेनमार्क फॉर्मास्युटिकल्स जल्द ही नेजल स्प्रे का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करेगी। कंपनी का दावा है कि ये नेजल स्प्रे संक्रमण को मात देने में कारगर है। दवा का इस्तेमाल शुरू करने के लिए कंपनी ने इमरजेंसी में इसे इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया है। दवा नियंत्रक ने ग्लेनमार्क को तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दे दी है। कंपनी ने इसके लिए कनाडा की कंपनी सैनोटाइज के साथ संपर्क भी किया है।