30 जून-नई दिल्ली(प्रधुम्न कौशल)| खाने के तेल की बढ़ती महंगाई के बीच आपके लिए थोड़ी राहत की खबर है। आपके किचन का बजट थोड़ा कम हो सकता है क्योंकि खाने के तेल की कीमतें कम हो सकती हैं। सरकार ने पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी है। इस कदम के बाद उम्मीद है कि रिटेल मार्केट में खाने के तेल की कीमतें घट जाएंगी। मई 2021 में खाने के तेल की कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर पर थीं। जो तेल पिछले साल तक 90-100 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा था, अब उसकी कीमत 150-160 रुपये हो चुकी है।
कितनी हुई इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कस्टम ड्यूटी घटाने के बारे में जानकारी दी गई है। अब क्रूड पाम ऑयल पर सेस और अन्य चार्जेज मिलाकर कुल ड्यूटी 30.25 परसेंट हो गई है, जो कि पहले 35.75 परसेंट थी। जबकि, रिफाइंड पाम ऑयल के लिए ड्यूटी 49.5 परसेंट से घटाकर 41.25 परसेंट हो गई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स ने नोटिफिकेशन में कहा है कि ये बदलाव 30 जून से लागू होंगे और 30 सितंबर तक जारी रहेंगे।
भारत सबसे ज्यादा पाम तेल को इंपोर्ट करता है
भारत में खाने की तेल की खपत का करीब 40% पाम तेल है। इसका इस्तेमाल पैकेज्ड फूड, फास्ट फूड, चॉकलेट, लिप्सटिक, शैम्पू वगैरह बनाने में होता है। भारत में क्रूड ऑयल और सोने के बाद सबसे ज्यादा इंपोर्ट पाम ऑयल का ही होता है। पूरी दुनिया में पाम ऑयल प्रोडक्शन का करीब 85% हिस्सा इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इन देशों में लेबर का संकट पैदा हुआ है। मजदूर कोरोना संकट में अपने देशों को लौट गए और पाम ऑयल की फसल पर इसका असर हुआ।
भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा इंपोर्टर
दुनिया में भारत सबसे बड़ा खाद्य तेल का इंपोर्टर है, मई 2021 तक भारत में क्रूड पाम ऑयल का इंपोर्ट 48 परसेंट बढ़कर 7,69,602 टन हो गया था। मई 2020 में भारत ने 4,00,506 टन पाम ऑयल आयात किया था। मई 2021 के दौरान भारत में कुल खाद्य तेल का आयात करीब 60 फीसदी बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया। एक साल पहले ये 7.43 लाख टन था। 60 फीसदी से ज्यादा इसमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी थी।