13 अप्रैल – फरीदाबाद | भारत में कोरोना वायरस के एक और टीके को मंजूरी मिल गई है। रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक V’ को एक्सपर्ट कमिटी ने आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है| देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है| अब स्पुतनिक V को मंजूरी मिलने के बाद इस महामारी से निपटने के लिए डॉक्टरों के पास एक और हथियार आ गया है| सबसे पहले रूस ने ही कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया था|
इससे पहले एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि भारत में अक्टूबर तक पांच वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है| रिपोर्ट के मुताबिक यह वैक्सीन डॉ रेड्डीज़ के सहयोग से तैयार हो रही स्पुतनिक V, बायोलॉजिकल ई के सहयोग से बन रही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन, सीरम इंडिया के सहयोग से तैयार की जा रही नोवावैक्स वैक्सीन, जायडस कैडिला वैक्सीन और भारत बायोटेक की इंट्रानसल वैक्सीन हैं| ऐसे में अब स्पुतनिक V को एक्सपर्ट्स की मंजूरी मिल जाने के बाद भारत का टीकाकरण अभियान तेजी से आगे बढ़ सकेगा| वैक्सीन निर्माण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष और हैदराबाद स्थित विरचो बायोटेक ने 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए एक समझौता किया है| स्पुतनिक V भारत को वैक्सीन की 8.5 करोड़ डोज़ मुहैया कराएगा जिससे कि भारत में कोविड-19 से लड़ाई को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा|
भारत में लोगों को स्पुतनिक V टीके की दो डोज 21 दिन के अंतराल पर लगेगी| इस टीके को 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 2 महीने तक स्टोर किया जा सकता है| रूस ने इसे पिछले साल अगस्त में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी| स्पुतनिक V के ट्रायल में पाया गया है कि टीके की पहली खुराक के बाद 21 दिन तक संक्रमण का कोई भी मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है| ट्रायल में शामिल 94 फीसदी लोगों में हल्के साइड इफेक्ट देखे गए जो वैक्सीन के असर का परिणाम है| स्पुतनिक V के ट्रायल के नतीजों के अनुसार टीका कोरोना के लक्षण और संक्रमण से होने वाली मौत को रोकने में 100 फीसदी कारगर है|