09 अप्रैल-फरीदाबाद | हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने कहा है कि अगर 14 अप्रैल के बाद हरियाणा में लॉकडाउन खुल भी गया, तो भी स्कूल तथा अन्य शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों, मुख्यमंत्री मनोहर लाल,स्वास्थ्य विभाग तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके अंतिम फैसला लिया जाएगा।
कंवरपाल गुज्जर ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज से प्रदेश के अध्यापकों ने वर्क फ्राम होम शुरू कर दिया है। विद्यार्थियों को अब स्कूलों की तर्ज पर रोजना कम से कम तीन घंटे पढ़ाया जाएगा।
फीडबैक के आधार पर इस समयावधि को बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई जिलों में ऑनलाइन लिंक के माध्यम से पढ़ाई की दिक्कतों के बारे में पता चला है।
इसके बाद अध्यापकों व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को होमवर्क आदि स्मार्टफोन पर व्हाट्सएप ग्रुप आदि बनाकर पढ़ाएं। इसके लिए इंटरनेट की कम रेंज भी कारगर है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आठवीं, नौवीं, दसवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला हो चुका है। 12वीं कक्षा के संबंध में बहुत जल्द फैसला कर लिया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने अथवा परीक्षा परिणाम के बारे में अधिकारियों द्वारा मंथन किया जा रहा है। कंवर पाल ने प्रदेश के निजी स्कूलों पर लॉकडाउन के दौरान फीस न लिए जाने के फैसले को दोहराया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अगर फिर भी कोई स्कूल जबरन फीस मांगता है, तो उसके विरूद्ध शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि की स्कूल फीस को माफ करने के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस फीस की वसूली लॉकडाउन खुलने के बाद की जाएगी अथवा पूरी तरह से माफ होगी, यह फैसला सरकार के स्तर पर बाद में किया जाएगा।
स्कूली अध्यापकों में वेतन को लेकर चल रहे असमंजस को समाप्त करने हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि किसी भी अध्यापक के वेतन में कटौती नहीं होगी। पहले की तरह सभी को पूरा वेतन दिया जाएगा।
बच्चों की लगवा सकते हैं एक्सट्रा कलास
हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि इस बार लॉकडाउन के चलते शिक्षा सत्र प्रभावित हो रहा है। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में एक्सट्रा कलास भी लगाई जा सकती है। इसके लिए शिक्षा विभाग पहले से ही तैयार है।
उन्होंने कहा कि एक्सट्रा कलास का फैसला ऑनलाइन पढ़ाई के फीडबैक के बाद लिया जाएगा।