न्यूज़ एनसीआर, (शारा गर्ग) 26 जून – फरीदाबाद | हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम 2015 को और अधिक सख्त एवं व्यावहारिक बनाने के लिए संशोधित किया गया। नए विधेयक को हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन (संशोधन) विधेयक 2019 कहा जाएगा। इस विधेयक में अब सब इंस्पेक्टर भी गोमास की जांच कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले की जहाँ सराहना की जा रही है वहीं सरकार को भी नियम क़ानून बताया जाता है उसके पालन नहीं किए जा रहे तभी प्रदेश में गौ तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रहा और हर रोज कहीं न कहीं गौ तस्करी की खबरें आती रहती हैं जबकि सरकार ने सत्ता संभालते ही सख्त नियम बनाए थे। बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल.एन. पाराशर ने सरकार के इस फैसले की तारीफ़ की है लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार न तो आवारा पशुओं से सड़को को मुक्त करवा पा रही है और न ही पॉलीथीन पर लगाम लगा पा रही है और तो और सैकड़ों गाय हर रोज पोलोथीन खाने पर मजबूर हैं।
एल.एन. पाराशर ने कहा कि अक्टूबर 2017 में फरीदाबाद के तत्कालीन उपायुक्त ने शहर को आवारा पशु मुक्त घोषित किया था और उन्होंने कहा था कि अगर किसी पशुपालक का कोई पशु सड़क पर आवारा घूमते हुए पाया गया तो पहली दफा उनका 5100 रुपये का चालान काटा जाएगा, बावजूद इसके अगर वही पशु दूसरी दफा मिला तो 7500 और तीसरी दफा मिलने पर 11000 का जुर्माना वसूला जाएगा और बताया की उपायुक्त ने कहा था कि नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 332 के तहत यह कार्रवाई की जाएगी लेकिन अब तक शायद ही एक भी पशुपालक पर कार्यवाही की गई हो जिस कारण फरीदाबाद की सड़कों पर अब भी हजारों आवारा पशु घूमते रहते हैं और इन पशुओं के कारण सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, उन्होंने फरीदाबाद की जनता को चेताते हुए कहा कि अगर आप सड़क पर कूड़े से भरी
पॉलीथीन फेंकते हैं तो संभव है आप गौ हत्या कर रहे हैं क्योंकि वही पॉलीथीन खाकर गाय बीमार पड़ रहीं हैं और कहा कि सड़कों पर घूम रही गाय को गौशाला में भेजा जाए और सरकार शहर की गौशाला पर और ध्यान दे, उन्होंने कहा की दफ्तर में बैठकर नियम क़ानून बना देने से कोई फायदा नहीं होने वाला है उसके लिए जनता को जागरूक होना पड़ेगा, उन्होंने फरीदाबाद के उपायुक्त से अपील की कि शहर को जल्द से जल्द आवारा पशुओं से मुक्त करवाया जाए।